किसान
रैली में जिस तरह राजस्थान का दौसा निवासी 'किसान गजेन्द्र' सरेआम शहीद हो गया, वो किसी भी संवेदनशील इंसान के लिए झकझोर देने वाली घटना है । ..... बड़े
शर्म की बात है की उस किसान के फंदे पर झूलने के बाद भी मेरा सवाल इस देश
के हर चोर, कपटी और मक्कार नेता से है जिन्होंने देश के अन्नदाता की हालत
जानवरों से भी बदतर बना दी है l
सबसे ज्यादा दर्दनाक बानगी तो यह है की सभी के सभी पापी दल वाले दलदल की तरह गन्दी और ओछी राजनीति करने लग गए है । इस पर राजनीती नहीं होनी चाहिए तथा न ही सवाल खड़े होने चाहिए। गजेन्द्र ने सरेआम शहीद की तरह दम तोड़ा है ठीक उसी तरह कुछ माह पहले बेटी निर्भया ने भी ख़ून से लथपथ होकर सड़क किनारे हम सब से मदद की गुहार की थी !!!
पर देखने वाली बात यह है कि कायरों की यह जमात अब मोमबत्तीयां लेकर सड़क पर निकल रही है !!!
राजस्थान का एक गरीब किसान गजेन्द्र सिंह सरकार की नाकामी से तंग आकर आत्महत्या कर लेता है और राजस्थान सरकार और जो सगठन अपने आपको किसान का मसीहा बताने वाले इस पर सब सभी प्रकार के संघठन चुप है !!
आप सभी से निवेदन है की एक गरीब किसान को उसका हक दिलवाने के लिए यह जरुर मांग करे और इन सब को समझा दो की जो सरकार हमारी नहीं सुनती है तो हमें सुनना आता है !!!
शहीद गजेन्द्र सिंह के परिवार के लिए ये मांगे रखी गई है
01. शहीद का दर्जा मिले
02.परिवार में किसी एक को सरकारी नोकरी |
03.उचित मुआवजा मिले |
04.सभी किसानो के हित में जो सरकारी योजनाये है उन का नाम शहीद गजेन्द्र सिंह के नाम से हो
शर्मनाक संवेदनहीनता की हद भी पार कर दी सबने मिलकर !!
राजस्थान के किसान गजेंद्र की दिल्ली में जंतर मंतर पर मौत के लिए वो तमाम लोग जिम्मेदार हैं जो तमाशबीन बने रहे। राजस्थान के किसान गजेंद्र की दिल्ली में जंतर मंतर पर मौत के लिए सिर्फ प्रधानमंत्री Narendra Modi, राजस्थान की मुख्यमंत्री Vasundhara Raje और दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal ही नहीं बल्कि हमारे जैसे पत्रकार भी जिम्मेदार हैं। जो बचाने के बजाय फोटो और वीडियो बनाने में मशगूल थे। नेताओं से मुझे कोई उम्मीद नहीं है लेकिन हे मेरे पत्रकार साथियों यार कुछ तो आप भी शर्म किया करो।
सबसे ज्यादा दर्दनाक बानगी तो यह है की सभी के सभी पापी दल वाले दलदल की तरह गन्दी और ओछी राजनीति करने लग गए है । इस पर राजनीती नहीं होनी चाहिए तथा न ही सवाल खड़े होने चाहिए। गजेन्द्र ने सरेआम शहीद की तरह दम तोड़ा है ठीक उसी तरह कुछ माह पहले बेटी निर्भया ने भी ख़ून से लथपथ होकर सड़क किनारे हम सब से मदद की गुहार की थी !!!
पर देखने वाली बात यह है कि कायरों की यह जमात अब मोमबत्तीयां लेकर सड़क पर निकल रही है !!!
राजस्थान का एक गरीब किसान गजेन्द्र सिंह सरकार की नाकामी से तंग आकर आत्महत्या कर लेता है और राजस्थान सरकार और जो सगठन अपने आपको किसान का मसीहा बताने वाले इस पर सब सभी प्रकार के संघठन चुप है !!
आप सभी से निवेदन है की एक गरीब किसान को उसका हक दिलवाने के लिए यह जरुर मांग करे और इन सब को समझा दो की जो सरकार हमारी नहीं सुनती है तो हमें सुनना आता है !!!
शहीद गजेन्द्र सिंह के परिवार के लिए ये मांगे रखी गई है
01. शहीद का दर्जा मिले
02.परिवार में किसी एक को सरकारी नोकरी |
03.उचित मुआवजा मिले |
04.सभी किसानो के हित में जो सरकारी योजनाये है उन का नाम शहीद गजेन्द्र सिंह के नाम से हो
धन्यवाद राजस्थान पत्रिका का जिसने इस मुद्दे पर बहुत ही अच्छा कटाक्ष किया जरुर पढे पत्रिका में छपा यह लेख---
राजस्थान के किसान गजेंद्र की दिल्ली में जंतर मंतर पर मौत के लिए वो तमाम लोग जिम्मेदार हैं जो तमाशबीन बने रहे। राजस्थान के किसान गजेंद्र की दिल्ली में जंतर मंतर पर मौत के लिए सिर्फ प्रधानमंत्री Narendra Modi, राजस्थान की मुख्यमंत्री Vasundhara Raje और दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal ही नहीं बल्कि हमारे जैसे पत्रकार भी जिम्मेदार हैं। जो बचाने के बजाय फोटो और वीडियो बनाने में मशगूल थे। नेताओं से मुझे कोई उम्मीद नहीं है लेकिन हे मेरे पत्रकार साथियों यार कुछ तो आप भी शर्म किया करो।
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विषयगत टिपण्णी करने पर आपका बहुत बहुत आभार साधुवाद l
भवर सिंह राठौड