Sunday 31 May 2015

जाति प्रमाण पत्र

-मेरा जाति प्रमाण पत्र -
मुझे गर्व है की मैं आरक्षित वर्ग से नहीं आता हूँ । मुझे अत्यंत गर्व है की मैं एक सामान्य वर्ग से आता हूँ क्योंकि -
1. आज मैं जो कुछ भी हूँ अपनी योग्यता, बुद्धि कौशल के बलबूते हूँ न कि जाति प्रमाण पत्र के आधार पर ।
2. बचपन से लेकर युवावस्था तक मैंने स्वाभिमान से सर उठा कर दुनियाँ की हर परिस्थिति से अनुभव प्राप्त किया है । इसमें जाति प्रमाण पत्र का कोई योगदान नहीं रहा ।
3. मुझे गर्व है कि मेरी शिक्षा दीक्षा में मेरे अपने माता पिता के स्वाभिमान से कमाए हुए पैसों का योगदान है न कि किसी भीख का।
4. मुझे गर्व है कि आज मैंने स्कूल एवं कॉलेजों में जो भी एडमिशन लिये सभी मैंने अच्छे नंबरों और अपनी बौद्धिक कुशलता के बल पे लिया है । इसमें भी जाति प्रमाण पत्र का कोई योगदान नहीं ।
5. मुझे गर्व है कि मैंने अपनी शिक्षा में लगने वाली फीस को एक स्वाभिमानी व्यक्ति की तरह पूरा पूरा वहन किया है और किसी भी गरीब का हक़ नहीं मारा है । इसमें भी जाति प्रमाण पत्र का कोई योगदान नहीं है ।
6. आज मेरे अंदर जो भी निखार आया है सब का श्रेय मेरी कड़ी मेहनत , रात रात भर जाग कर पढ़ना , और अन्यान्य किताबों का गहन अध्ययन करना है । वर्ना मैं भी एक अशिक्षित मुर्ख ही होता जो सिर्फ उतना ही पढता जितना कि जाति प्रमाण पत्र दिखाने मात्र से पास हो जाता ।
7. एक अंदर डर बना रहता था कि मैं जितना भी पढूं कम है क्योंकि मेरे पास जाति प्रमाण पत्र नहीं है । परंतु आज मैं उसी डर के द्वारा किये गए गहन अध्ययन से अपनी बौद्धिक क्षमता को उन लोगों से कई गुना ऊपर पाता हूँ जिनके पास सिर्फ और सिर्फ जाति प्रमाण पत्र के अलावा उनका अपना कुछ नहीं ।
8. मुझे गर्व है कि मैंने हर प्रतियोगिता में पूरी पूरी फीस का वहन किया है और उसमें प्रवेश भी अपने शिक्षा और बौद्धिक कुशलता के बल पर पाया है जिसमें मुझे किसी भी जाति प्रमाण पत्र का सहारा नहीं लेना पड़ा । क्योंकि मैं अपनी योग्यता से भलीभाँति परिचित था ।
9. मुझे गर्व है कि जाति प्रमाण पत्र के नाम पर मिलने वाले फीस में छूट और वजीफ़े से मैं किसी भी गलत संगति में नहीं पड़ा और उस फीस छूट और वजीफे की धनराशि का उपयोग मद्यपान (शराब पीना ) , तरह तरह के नशे करना , मांस भक्षण करना , जुआ खेलना , वेश्यावृति करना , लड़की छेड़ना , आपराधिक मामलों में सलिंप्त होना , पढ़ाई से कोसों दूर रहना , इत्यादि गतिविधियों में नहीं पड़ा ।
इसका एकमात्र श्रेय मेरे पास जाति प्रमाण पत्र का न होना है ।
10. मुझे गर्व है कि मेरी नौकरी व कारोबार में मेरा चयन मेरे जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नहीं , बल्कि मेरी योग्यता , मेरे अंक पत्र और बोद्धिक कौशलता के आधार पर हुआ है ।
11. मुझे गर्व है कि आज मैं एक सभ्य और बौद्धिक स्तर से परिपूर्ण समाज का एक अंग हूँ । इसमें भी मेरे जाति प्रमाण पत्र का अंशमात्र भी योगदान नहीं है ।
12. मुझे गर्व है की आज मैं एक स्वाभिमानी जीवन व्यतीत कर रहा हूँ और छाती ठोंक कर पुरे आत्म विश्वास के साथ दुनियाँ का सामना कर सकता हूँ की हाँ ! आज मैं जो कुछ भी हूँ मैं अपने योग्यता के बल पर हूँ किसी जाति प्रमाण पत्र के भीख से नहीं ।
13. मुझे गर्व है कि इस समाज में मैंने अपनी पहचान खुद के योग्यता के बल पे बनाया है न कि जाति प्रमाण पत्र द्वारा प्रदत्त भीख के बल पर ।
14. मुझे गर्व है की मैं, वोटों की राजनीति करने वाले और जाति के नाम पर देश और समाज का विखंडन करने वाले सत्ता लोलुप किसी भी राजनेता के भीख और कृपा के बल पर अपना जीवनोपार्जन नहीं कर रहा हूँ । मेरे ऊपर किसी भी लालची और सत्ता लोलुप राजनेताओं और उनकी राजनीतिक पार्टियों का कोई कर्ज या कृपा नहीं है । क्योंकि मेरे पास जाति प्रमाण पत्र है ही नहीं ।
15. मुझे गर्व है की अब तक की सभी सरकारें जाति उत्थान के नाम पर जो 68 वर्षों से लाखो करोङ रूपये से अपने जेब भरती आ रही है और देश को अकूत संपत्ति का चूना लगा रही है , वह खर्च मुझपर नहीं है । और उसका उपयोग देश की उन्नति में व्यय हो रहा है । आज जो भी इंफ्रास्ट्रक्चर

भारत देश में दिखाई पड़ता है उसमें मेरा 50% प्रतिशत से ऊपर का बहुमूल्य योगदान है । परंतु इसमें भी जाति प्रमाण का कोई योगदान नहीं है ।
16. मुझे गर्व है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी - मुलायम , मायावती , मोदी , सोनिया , लालू , जीतनराम आदि मुझे लेकर कोई भी वोटों की राजनीति नहीं कर सकते और जनता को बाँट कर अपना जेब नहीं भर सकते । क्योंकि मेरे पास जाति प्रमाण पत्र नहीं है ।
17. मुझे गर्व है कि मुझपे लगने वाला सारा पैसा देश के चहुँ मुखी विकास और अभाव ग्रस्त लोगों पे व्यय होता है । परंतु दुःख होता है की मेरे ही खून पसीने से कमाए हुए पैसे से जाति प्रमाण पत्र रखने वाले लोग ऐश करते हैं और न पढ़ लिखकर अयोग्य बन रहे हैं और आपराधिक गतिविधियों में फंसकर देश को गर्त में गिरा रहे हैं ।
18. मुझे गर्व है कि मुझे कोई कोटे वाला नहीं कहता , न कोई मेरी योग्यता पे शंका करता है और न ही हीनदृष्टि से देखता है । मैं सर उठा कर जीता हूँ । इसका भी एकमात्र कारण मेरे पास जाति प्रमाण पत्र का न होना है ।
19. मुझे गर्व है की जाति के नाम पर मुझे कोई भी राजनीतिक दल महामूर्ख और बेवकूफ नहीं बना सकता । क्योंकि मेरे पास जाति प्रमाण पत्र नहीं है ।
20. मुझे गर्व है कि मैं अपने देश का एक पूर्ण स्वाभिमानी एवं सच्चा भारतीय नागरिक हूँ । इसमें भी जाति प्रमाण पत्र का लेशमात्र भी योगदान नहीं है ।

मुझे गर्व हे कि मै एक क्षत्रिय हूँ व मेरे पूर्वजो द्वारा ही धर्म, इतिहास और संस्कृति की रक्षा की गई है । इसमें उनके और मेरे कोई जाति प्रमाण पत्र काम में नहीं आया ।
लेकिन आज में संकल्प लेता हु की जिन 36 कौमो से इस आरक्षण के कारण दुर्भाव हुवा है उसे प्राणपण से मिटा कर रहूँगा ।।।
भंवर सिंह राठौड़ जूसरी आरक्षण और भर्स्टाचार के खिलाफ सदैव आगे ।।
आप सभी से विनती है की सभी अपना अपना नाम आगे से आगे लिखकर सभी को फॉरवर्ड करते जाए , श्र्ंखला जारी रखे ।
निवेदक - भंवर सिंह राठौड़ जूसरी
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Sunday 24 May 2015

FLIGHT MODE PM


निष्पक्ष होकर देखें तो एक साल में ही 'मोदीमेनिया' पूरा का पूरा ख़त्म सा हो गया है !!!  उनका कद थोड़ा घटा है और शायद 56 इंच का सीना भी अब कुछ कम फूलने लगा है !!!

'वन मैन शो'

एक साल में उनके खिलाफ़ सबसे बड़ी आलोचना ये है कि वो बोलते बहुत हैं लेकिन करते कम या कुछ नहीं हैं.
उनके कुछ आलोचक ये भी कहते हैं कि वो 'वन मैन शो' हैं. देश के सिपहसालार भी वही हैं, पार्टी के मुखिया भी वही. मंत्रियों के बजाए गिने-चुने अफसरों पर निर्भर रहते हैं. सुनते सब की हैं लेकिन फैसला उनका होता है.
आप ये भी कह सकते हैं कि आदर्श ग्राम योजना, 8 करोड़ ग्रामीण परिवारों को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में शामिल करने की प्रक्रिया, डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी योजनाएं यूपीए सरकार की योजनाओं की नक़ल लगती हैं. या कह लें कि ये नई बोतल में पुरानी शराब की जेसी ही है !!!

किसान विरोधी

सत्ता में आने के 100 दिन के अंदर काला धन देश वापस लाने का नरेंद्र मोदी का वादा भी पूरा नहीं हुआ है. महंगाई ज्यादा बढ़ी नहीं तो आज तक कम भी नहीं हुई है. ग़रीबी, ग़रीबों का साथ अब भी नहीं छोड़ रही.कुछ लोग ये भी कह रहे हैं कि मोदी किसानों से ज़्यादा कॉरपोरेट इंडिया और उद्योगपतियों के हित के बारे में ज्यादा सोचते हैं.
इसकी मिसाल भूमि अधिग्रहण बिल है जिसे किसान विरोधी तक माना जा रहा है !!!
और हाँ, पिछले एक साल में वो प्रवासी भारतीयों के सबसे बड़े मसीहा बन कर भी उभरे हैं. उनके खिलाफ आलोचना ये भी है कि वो देश के प्रांतों से अधिक विदेशी यात्राएं ही करते हैं !!!

Thursday 21 May 2015

पोपा बाई का राज

#पोपा_बाई_का_राज --  हर जगह शराब ठेकों के रात्रि 8 बजे के बाद के वितरण की मनाई की हर ठेकेदार द्वारा जमकर धज्जिया उड़ाई जाती है और दिखावे के बंद के पश्चात भी वहा से शराब की आपूर्ति के लिए अन्य रास्ते भी अपनाये जाते है जिनका पुलिस व अन्य प्रशासन की जानकारी में होते हुए भी शायद मासिक बंधी बंधे होने के कारण कार्येवाही नहीं की जाती है !!! 
यही हाल हेलमेट की अनिवार्यता के 21 दिन बीतने पर भी हेलमेट नहीं पहनने वाले किसी के खिलाफ भी कार्यवाही न होना और सरकार के जन सुरक्षा के कानून की पालना नहीं करवाना असमंजस व "पोपा बाई का राज" वाली बात ही हो सकती है  !!!!

Wednesday 20 May 2015

विश्व के महानतम योद्धा महाराणा प्रताप



विश्व के महानतम योद्धा महाराणा प्रताप जिसने अपनी कौम का ही नहीं हर उस स्वाभिमानी राष्ट्रभक्त का सर गर्व से ऊपर किया जिसे अपनी मातृभूमि और कर्मभूमि से अथाह प्रेम था l 

अकबर जासी आप, दिल्ली पासी दूसरा,
पुनरासी प्रताप , सुजस न जासी सूरमा। 



अकबर इस संसार से चला जाएगा, दिल्ली दूसरो को मिल जाएगी, परन्तु प्रताप तेरी वीरता का सुयश नहीं जाएगा, वह तो अमर रहेगा ।

रघुकुल भूषण राष्ट्रगौरव वीर शिरोमणि वीर अग्रणी मेवाड़धिपति एकलिंगजी दिवान श्री महाराणा प्रताप के जन्मदिवस की आप समस्त देश वासियों को हार्दिक  शुभकामनायें । 





महाराणा प्रताप भारतीय इतिहास के वह राष्ट्रनायक थे  जिन्होंने संघर्ष की राह में अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया था l परन्तु पराधीनता कभी स्वीकार नहीं की। महाराणा प्रताप के एक इशारे पर जान न्यौछावर करने के लिए हर समाज और हर वर्ग के लोग हमेशा तैयार रहते थे। यदि महाराणा प्रताप आज की तरह सामाजिक संकीर्णताओं में फंसे होते तो उन्हें वह अभूतपूर्व जनसमर्थन कभी नहीं मिला होता। 
महाराणा प्रताप अपनी मातृभूमि के मान, सम्मान और स्वाभिमान के साथ-साथ मातृभूमि की स्वाधीनता के लिए लड़े थे। 
ऐसे परम आदरणीय, प्रातःस्मरणीय महाराणा प्रताप की जयन्ती के अवसर पर उन्हें मेरा शत् शत् नमन ! 
सादर - भंवर सिंह जूसरी

Saturday 16 May 2015

स्वस्थ जीवन के लिए सर्वश्रेस्ठ विकल्प मोरिंगो न्यूट्रामैट्रिक्स



स्वस्थ जीवन के लिए सर्वश्रेस्ठ विकल्प मोरिंगो न्यूट्रामैट्रिक्स

मोरिंगो न्यूट्रामैट्रिक्स क्या है ???


मोरिंगो न्यूट्रामैट्रिक्स जरुरी पोषक तत्वो, प्रोटीन, विटामिन, खनिज व ट्रेस मिनरल्स युक्त एक सप्लीमेंट सुपर फ़ूड है l मोरिंगो न्यूट्रामैट्रिक्स में मोरिंगो ओलीफेरा, ऑरेगैनो वल्गर. रोजमेंरी, शिलाजीत, काली मिर्च, अनार के छिलके का शत, विटामिन सी और विटामिन बी 12 से युक्त हर्बल प्रोडक्ट है जिसमे 300 प्रकार के न्यूट्रीशियन है जो नई तकनिक द्वारा तैयार किया हुवा है l 

मोरिंगो न्यूट्रामैट्रिक्स क्यों जरुरी है ???

व्यस्त जीवन शैली, हमारे खाद्यान्न में यूरिया सहित जहरीले रसायन का मिश्रित होना, फलो एवं सब्जियों में गैस व दवा का छिडकाव, मिर्च मसालों में मिलावट, वातावरण में प्रदूषण के कारणों से हमारा शरीर रोग ग्रस्त हो रहा है तथा हम दैनिक जीवन में जो भी आहार लेते है, जिसमे हमारे शरीर को जरुरी पोषक तत्व, प्रोटीन, विटामिन, खनिज आदि पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाते है l

मोरिंगो न्यूट्रा हमारे शरीर के अन्दर जमा टोक्सिंस (Toxin) जहरीले पदार्थो को बाहर निकालता है तथा पोषक तत्व, प्रोटीन, विटामिन, जरुरी खनिज, मिनरल्स आदि जो भी कमी हमारे शरीर में होती है उसकी पूर्ति करता है जिससे हमे 300 प्रकार के रोगों से दूर रखता है और हम इसके कारण स्वस्थ व बेहतर जीवन जी पाते है l 



मोरिंगो न्यूट्रामैट्रिक्स का उपयोग कैसे करे ???

मोरिंगो सभी प्रकार के स्वस्थ एवं अस्वस्थ व्यक्ति उपयोग कर सकते है l 12 वर्ष से कम आयु, गर्भवती स्त्री, दूध पिलाती माँ को नहीं देवे l तथा जिसके हृदय में पेसमेकर लगा हो एवं जिसकी किडनी ट्रांसप्लांट की हुई हो को भी नहीं देना चाहिये l बाकी इसके किसी भी प्रकार के अवांछित दुसप्रभाव नहीं है l 

सेवन विधि - 4 से 6 कैप्सूल प्रतिदिन सुबह खाली पेट गरम पानी के साथ लेवे, एक घंटे बाद खाना खाए तथा दिन भर खूब पानी पीवे l बच्चो को 2 कैप्सूल प्रतिदिन ही देवे l 

और ज्यादा जानकारी के लिए यह वीडियो आप देख सकते है l

https://www.youtube.com/watch?v=DxCbyoYl1Og

https://www.youtube.com/watch?v=CaZka7z4hWI

https://www.youtube.com/watch?v=dKW7DEXWhHI

https://www.youtube.com/watch?v=NdFbXNhApoM

https://www.youtube.com/watch?v=s4wemFDGwvI

http://youtube.com/watch?v=THQhXtxYRAw

Thursday 7 May 2015

हिन्दू होने का मतलब कही यह तो नहीं !!

हिन्दू होने का मतलब कही यह तो नहीं !! एक कहानी जो आपको शायद हिन्दू होने का मतलब समझा सकती है !!!
 हास्य विनोद के साथ पढ़कर समझते जाए और इसकी सत्यता पर विचार जरुर करे !!
एक पण्डित जी दुबई में जॉब करते थे तथा चार साल से भारत नहीं जा सके थे l
एक दिन पण्डित ऑफिस में अपने सहकर्मियों को बाप बनने की ख़ुशी में मिठाई बांटने लगे l
एक सहकर्मी ने पूछा : "पण्डित आप चार साल से यहाँ और आपकी वाइफ मुंबई में, तो फिर आप बाप बने कैसे ???
पण्डित : "मेरे पडोसी बहोत ख्याल रखते हैं मेरी वाईफ का  " 
सहकर्मी : " क्या नाम सोचा है बच्चे का " 
पण्डित : " देखो वो बीवी से पूछकर सोचना पडेगा l
अगर सेकण्ड फ्लोर वाले पडोसी ने वाइफ की देखभाल की है तो बच्चे का नाम दुबे या द्विवेदी रखेंगे , लेकिन अगर तीसरे, चौथे या पांचवे फ्लोर वाले ने देखभाल की है तो उसी हिसाब से त्रिवेदी, चतुर्वेदी या पाण्डेय रखेंगे l "
सहकर्मी : " अगर सबने मिलकर ख्याल रखा है तो ??? "
पण्डित  : " तो मिश्रा रखेंगे "
सहकर्मी :" अगर भाभीजी ने शरमाकर नाम ना बताया तो ,???  "
पण्डित : " फिर तो जरुर शर्मा जी ने देखभाल की होगी , फिर तो बच्चे का नाम शर्मा होगा "
सहकर्मी : " अगर भाभी जी ने किसी का नाम नहीं बताया तो ???  "
पण्डित : " फिर तो गुप्ता होगा " 
सहकर्मी : " अगर भाभी जी को याद ना आया तो ??? " 
पण्डित : " फिर तो यादव का काम होगा , बच्चे का नाम यादव ही रख लेंगे "
सहकर्मी : "अगर किसी ने भाभी जी के साथ जबरदस्ती किया होगा तो ??? 
पण्डित : ऐसी नीच हरकतें सुशिल दोषी ही कर सकता है , बच्चे का नाम दोषी रखना पडेगा " " 
सहकर्मी : "अगर भाभी जी ने ही अपनी भूख मिटाने के लिए किसी मर्द को जोश दिलाया हो तो ??? " 
पण्डित : " तो बच्चे का नाम जोशी रख लेंगे " 
सहनशक्ति की पराकास्ठा पर अब सारे सहकर्मी एक साथ उठ खड़े हुए और जोरदार चिल्लाकर बोले
: "स्साले हरामी , कुत्ते की औलाद ... ,, भाभी को यहाँ बुला ,
ऑफिस के हम सब स्टाफ मिलकर देखभाल करेंगे और तू अपने और बच्चो का नाम देशपांडे रख लेना !!!!! "
 :D  :D  :D  :D  :D  :D 
इस तरह शायद यह सब हिन्दुओ पर लागू है क्यों की इस तरह वे एक वर्ण के तो बचे ही नहीं थे !!
इस कदर से हिल मिल हुए की क्षेळ भेळ युक्त पैदाइसे ही पैदा होती गई , और उन्होंने मिलकर अपने आपको हिन्दू कहलवाना शुरू कर दिया था !!!
और फिर झूटे गर्व के साथ यह भी कहने लग गए की हां हम हिन्दू , हां हम हिन्दू है ओर हिन्दू की ओलाद है !!!
इसलिए हे क्षत्रियों अपने आप पर गर्व करो और स्वय को हमेशा क्षत्रिय ही कहलवाओ l
सादर भंवर सिंह जूसरी