Sunday 15 February 2015

किसानो की तकलीफ

किसानो सावधान !!! 
पूरी सम्भावना है.क्योंकि इतिहास इस बात का गवाह है, फूट डालो, आपस में लड़ाओ और राज करते जावो !! ये समाजवादीयों और साम्राज्यवादियों दोनों की हमेशा से ही शासन शैली रही है और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पाखंडी लीडरों से लेकर आज तक के {बीच में थोड़ा सोवियत संघ से दोस्ती का काल छोड़ दें तो} शासक साम्राज्यवादीयों की गोद में ही खेलते रहे हैं !! इसीलिए वो जो कहते और करते हैं, उसका मतलब हम नही समझ पाते है !!!
चाहे मन की हो या और कुछ, वो जो कहते हैं, लोग बहुत गौर से सुनते हैं, इसलिये समझते भी हैं, लेकिन वो कहकर फिर कहते हैं, की हमारे कहने का मतलब वह नही था जो तुम समझ रहे हो, छोडो इन बातों को तुम नही समझोगे!! 
हमने तो बोल दिया -कोई सूर्ये नमस्कार करे या न करे, झट से लोग दो भागों में बंट गये , एक सूरज को नमस्कार वाले दूसरे चाँद को नमस्कार वाले, इनका मकसद तो हल हो गया !! 
हम कहेंगे भारत में रहना होगा तो वन्देमातरम कहना होगा, कोई कहे न कहे क्या फर्क पड़ता है ! पर इनका तो मकसद हल हो गया, जो न कहेंगे वो अलग थलग पड़ जायेंगे , मकसद फिर हल हो गया !!
अब आगे चलो -पहले हम उन उनको आरक्षण देंगे !! कोई फर्क नही पड़ता, वो तो अटल जी ने दिया या फिर अन्य ने , पर मोदी के राज में एक हल्का सा इशारा होगा और कोर्ट संज्ञान लेगा , जाटों का आरक्षण छीन कर सब को न्याय देगा !! तब जाट जाट सारे एक होंगे तो दो मकसद नही, तीन मकसद एक साथ हल होंगे , पहला तो भूमि अधिग्रहण वाली किसान एकता टूट जायेगी , दूसरा जब जाट जाट एक होंगे तो बाकी सारी जातियां एक हो जायेगी जातिवाद बढ़ जाएगा और जाट अलग थलग पड़ जायेगे और फिर तीसरा गेम बड़ा खतरनाक होगा, जो अतीत में कांग्रेस सिखों के साथ खेल चुकी है ! भिंडरावाले को खालिस्तान के लिए उकसा कर फिर भारी दमन चक्कर चलाकर सिख नौ जवानों का कत्ले आम करते हुए सुरक्षा और शांति बहाल की गयी थी अतीत में , वो सारी सम्भावना अब बी.जे.पी .जाटों के साथ आजमा सकती है !! 
क्योंकि कुछ तत्व वादी लोग अब गांवों में भी जातीय जहर उगलने में लगे हुए हैं !! इसलिए किसानों सावधान हो जावो और मत भूलो की तुम धरती पुत्र किसान ही हो और हमेशा रहोगे !!
नोट - बैंड पार्टी और सच्चे भक्तगण इसे अपने ऊपर नहीं ले सच्चाई हमेशा कडवी होती है !!

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भवर सिंह राठौड