Tuesday 17 February 2015

कैंसर रोग का सफलतम ईलाज



कई शोधो से पता चला है की कैंसर के मरीज की “कैंसर Cancer” से मृत्यु नही होती है, जो ईलाज उसे दिया जाता है उससे भी उसकी जल्दी मृत्यु हो जाती है । सही मायने में कैंसर से ज्यादा खतरनाक कैंसर का ईलाज ही है ।
ईलाज Treatment के बारे में आप सब जानते ही है ??? सभी को पता है कैंसर की Chemotherapy,  Radiotherapy और Cobalt-therapy के बारे में
 
क्या होता है कैंसर में - शरीर की जो रोग प्रतिरक्षात्मक शक्ति है Resistance power वो बिलकुल ख़त्म हो जाती है । जब Chemotherapy दि जाती है तो डाक्टर ये बोलते है की हम कैंसर की कोशिकाओ, सेल्स को मारना चाहते है लेकिन होता यह है की अच्छे सेल्स भी उसी के साथ मारे जाते है ।
मतलब क्या है इलाज मे जो खर्च आपने किया वो तो गया ही और रोगी भी आपके हाथ से गया । डॉक्टर आपको भूल-भुलैया में रखता है की 6 महीने में ठीक हो जायेगा या 8 महीने में ठीक हो जायेगा लेकिन अंत में मरीज मारा ही जाता है, यह कभी नही हुवा की Chemotherapy लेने के बाद कोई बच पाया हो । आपके घर परिवार में अगर किसी को कैंसर हो जाये तो ज्यादा खर्चा मत कीजिये क्यों की जो खर्च आप करेंगे उससे मरीज का तो भला होगा नहीं उल्टा उससे उसको इतना कष्ट होता है की आप स्वयं इसकी कल्पना भी नही कर सकते।
इस थेरेपी के लिए आप All India, PGI या Tata Institute बम्बई आदि जगह रोगी को लेकर जाते हो और जहा इंजेक्शन और दवाओ से रोगी के सारे बाल उड़ जाते है,  भोहो के बाल उड़ जाते है, चेहरा इतना डरावना लगने लगता है की  पहचान में नही आ पाता ये अपना ही आदमी है या कोई और ???  फिर इतना कष्ट क्यों दे रहे हो अपने प्रियतम को ???  सिर्फ इसलिए के आपको एक अहंकार है की आपके पास बहुत रुपया पैसा है तो कैंसर का ईलाज Treatment कराकर ही मानेंगे !!! पर क्या करे होता ही नही है ये कैंसर का ईलाज !!!
लेकिन अब अपने मरीज को लोगो के कहे अनुसार कही लेकर नहीं जाना है आपको अपने घर में ही उसकी चिकित्सा और सेवा सुश्रुसा करनी है !!
फाइनली कैंसर हो जाए तो उसके ईलाज के लिए क्या करे ???
यहाँ जो बताया जा रहा है यह बिलकुल सरल और सीधा ईलाज है कैंसर जेसे भयानक रोग का l
हमारे घर के रसोई घर में कैंसर के लिए पहले से ही एक बहुत अच्छी दवा उपलब्ध है, पहले तो डॉक्टर भी नहीं मानते थे अब तो डॉक्टरो ने भी मान लिया है इसको और वह दुनिया की एक मात्र दवा है जो Anti-Cancerous है उसका नाम है "हल्दी" । हल्दी कैंसर को पूरी तरह ठीक करने की ताकत हमेशा रखती है !
कैसे रखती है ताकत – यह जान लीजिये हल्दी में एक केमिकल होता है उसका नाम है कार्कुमिन (Carcumin) और ये ही कैंसर की कोशिकाओ को मारने में सक्षम होता है बाकी कोई केमिकल इस दुनिया में नही बना है और इसे भी आदमी ने नही स्वयं भगवान ने ही बनाया है ।
हल्दी जैसा ही कार्कुमिन और एक चीज में है वो है देशी गाय के (जिसके पीठ पर उभार थुई हो) जिसे बोलते है “गोमूत्र” में। गोमूत्र माने देशी गाय के शरीर से निकला हुआ सीधा-सीधा मूत्र जिसे आठ परत वाले सूती कपडे से छान कर लिया गया हो। इन दोनों की सहायता से कैंसर का ईलाज आप आसानी से कर पायेंगे। दवा निर्माण और सेवन विधि - अब देशी गाय का गोमूत्र आधा कप और आधा चम्मच हल्दी दोनों मिलाकर गरम करे जिससे उबाल आ जाये फिर उसको ठंडा कर लेवे । इसके कमरे के तापमान में आने के बाद रोगी को चाय की तरह ही पिलाना है l चुस्किया लेते हुए सूड़प सूड़प करते हुए दिन में 2 से 3 बार तक रोगी को देवे।
एक और आयुर्वेदिक दवा है पुनर्नवा जिसका अगर आधा चम्मच इसमें मिलायेंगे तो और भी  अच्छा परिणाम आयेगा। यह पुनर्नवा आयुर्वेद या पंसारी के दुकान में पाउडर या छोटे छोटे टुकडो के रूप में मिलती है ।
इस दवा को (देशी गाय की गोमूत्र, हल्दी, पुनर्नवा) आदि को सही अनुपात में मिलाकर उबालकर ठंडा करके कांच की पात्र में स्टोर करके रखिये पर बोतल को कभी भी फ्रिज या, धुप में मत रखिये । ये दवा कैंसर के  दुसरे स्टेज में और कभी कभी तीसरे स्टेज में भी बहुत अच्छे परिणाम देती है
याद रखें इस दवा में सिर्फ देशी गाय का गोमूत्र ही काम में आता है विदेशी जर्सी गाय का मूत्र कुछ काम नही करता और जो देशी गाय काले रंग की हो उसका मूत्र सबसे अच्छा परिणाम देता है, इसमें एक सावधानी और भी रखनी है की गाय का गोमूत्र लेते समय वो गर्भवती नही होनी चाहिए। गाय की जो बछड़ी है जो माँ नही बनी है उसका मूत्र आप कभी भी काम में ले सकते है। जब कैंसर तीसरे स्टेज को पारकर चोथे स्टेज में पहुँच गया हो तब परिणाम मिलना कठिन हो जाता है । और इसी में भी अगर अपने किसी रोगी को Chemotherapy  दे दिया हो तो फिर इसका कोई असर नही आएगा !!
कितना भी खिला पिलादो कोई रिजल्ट नही आएगा, रोगी को मरना ही पड़ता है । आप अगर किसी रोगी को ये दवा दे रहे है तो उसे पूछ लीजिये जान लीजिये कहीं Chemotherapy शुरू तो नही की हुई है ??? अगर शुरू  है तो आप उसमे हाथ मत डालिए, जैसा डॉक्टर कहता है करने दीजिये, आप भगवान से प्रार्थना कीजिये उसके लिए इतना ही करे ।
और अगर Chemotherapy शुरू नही हुई है और उसने कोई एलोपेथी treatment भी शुरू नही किया तो आप देखेंगे इसके चमत्कारिक  परिणाम आते है । ये सारी दवाई काम करती है बॉडी के Resistance पर, जो हमारी Vitality है उसको improve करती  है, हल्दी को छोड़ कर गोमूत्र और पुनर्नवा शरीर के vitality को improve करती है और vitality improve होने के बाद कैंसर cells को control करते है ।
ये तो बात हुई कैंसर के चिकित्सा की, पर जिन्दगी में कैंसर हो ही नही तो और भी अच्छा है यह जानना। तो जिन्दगी में आपको कभी कैंसर न हो उसके लिए एक चीज याद रखिये के,  हमेशा जान ले की आप जो खाना खा रहे है उसमे डालडा घी (Refine oil ) तो नही है ?  उसमे refined oil तो नही है ? हमेशा शुद्ध तेल खाये अर्थात सरसों, नारियल, मूँगफली का तेल खाने मे प्रयोग करें ! और घी अगर खाना है तो देशी गाय का घी खाएं ! गाय का देशी घी नहीं खाये  !
ये देख लीजिये आप जो भी दूसरा खाना खा रहे है उसमे रेशेदार हिस्सा जादा होना चाहिए जैसे छिलके  वाली दाले, छिलके वाली सब्जिया, चावल भी छिलके वाली खा रहे है तो बिलकुल निश्चिन्त रहिये कैंसर होने का कोई चान्स नही है ।
और कैंसर के सबसे बड़े कारणों में से दो तीन कारण है, एक तो है तम्बाकू, दूसरा है बीड़ी, सिगरेट और गुटका ये चार चीजो को तो कभी भी हाथ मत लगाइए क्योंकि कैंसर के maximum cases इन्ही के कारण हो रहे है हर देश में । कैंसर के बारे में सारी दुनिया एक ही बात कहती है चाहे वो डॉक्टर हो, experts हो, Scientist हो के इससे बचाव ही इसका उपचार उपाय है ।
आजकल महिलाओं को भी बहुत कैंसर हो रहा है उनके uterus में, गर्भाशय में, स्तनों में और ये काफी तेजी से भी बढ रहा है l पहले गाठ Tumour होती है फिर कैंसर में convert  हो जाता है । तो माताओं, बहनों को क्या करना चाहिए जिससे जिन्दगी में कभी गाठ  Tumour  न हो ?? आपके लिए सबसे अच्छा prevention है की जैसे ही आपको आपके शरीर के किसी भी हिस्से में unwanted growth (रसोली, गांठ) का पता चले तो जल्द ही आप सावधान हो जाइये । हालाकि सभी गांठ और सभी रसोली कैंसर नही होती है 2-3% ही कैंसर में convert होती है l
लेकिन आपको सावधान होना तो ही पड़ेगा । माताओं को अगर कहीं भी गांठ या रसोली हो गयी  हो जो non-cancerous है तो जल्दी से जल्दी इसे गलाना और घोल देने का दुनिया में सबसे अच्छा उपाय है "चुना" । चुना वही जो पान के लगाया और खाया जाता है, जो पुताई में इस्तेमाल होता है, पानवाले की दुकान से चुना ले आइये उस चुने को कनक के दाने के बराबर रोज खाइये,  इसको खाने का तरीका है पानी में घोल के पानी पी लीजिये,  दही में घोल के दही पी लीजिये,  लस्सी में घोल के लस्सी पी लीजिये, दाल में मिलाकर दाल खा लीजिये, सब्जी में डाल के सब्जी खा लीजिये । पर ध्यान रहे पथरी के रोगी के लिए चुना वर्जित है ।
पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए आभार !!!
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https://www.youtube.com/watch?v=cGyXitZJyBw
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साभार - भंवर सिंह जूसरी

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भवर सिंह राठौड