Friday 7 August 2015

वालतैयर से आगे भंवर सिंह राठौड

मेरा कहना आप सब से -
हो सकता है कि मैं आपके विचारो से सहमत नहीं हो पाऊ, पर आपके विचार प्रकट करने की स्वतंत्रता की रक्षा ही नहीं करूंगा बल्कि उसके लिए आपका सहयोग भी करूँगा और रही बात मेरे विचारो की तो में भी विचार देने, रखने और फ़ैलाने के लिए स्वतंत्र हु ही, हो सकता है कि आप मैरे विचारो से सहमत ना हो पाए, पर आपके सहयोग करने की भावना का भी जरुर सम्मान करूँगा और इसमें किसी भी प्रकार की अड़चन होगी तो उसको भी निकाल दूर फैकुंगा ll 

भंवर सिंह राठौड जूसरी श्री मान वालतैयर से आगे चलने की कोशिश करते हुए l


Tuesday 4 August 2015

साधू शैतान समाज !!!

भारत ऋषि-मुनियों, साधु-संतों का देश है। इस देश में संत समाज ने हमेशा बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। संतों ने ही मानव समाज को ईश्वरीय ज्ञान से जोड़ा, संस्कारों से जोड़ा, जीवन जीने की कला से जोड़ा, विकास की तमाम क्रियाओं प्रक्रियाओं से जोड़ा और सब कुछ इतना अच्छा किया कि पूरा संसार उनकी ओर देखता था। लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए संत का बड़ा ही अच्छा और वैसा ही स्वरूप होना चाहिए जैसा ईश्वर के किसी प्रतिनिधि का होता है। नि:संदेह संत का उद्देश्य सम्पूर्ण संसार होना चाहिए।
सभी लोगों को आनंद मिल जाए, सभी लोग सुखी हों, यदि कोई ऐसा चाहता है और उसके लिए प्रयास करता है तो वैदिक सनातन धर्म में उसे संत कहा गया है। केवल सनातन धर्म में ही नहीं, दूसरी परम्पराओं में भी महान संत हुए हैं। मुस्लिमों में भी एक धारा सूफियों की रही है, जिन्होंने अपना जीवन समाज के हित में बिता दिया।
इस संसार में घर-परिवार, नातेदार, सुख, सम्पत्ति, वैभव सभी कुछ मिलना सहज है, लेकिन दुर्लभ संत समागम यानी संत मिलना कठिन है। आज साधू के वेष में रोज शैतान सामने आ रहे हैं !!!
किसी कवि ने ठीक ही लिखा है—
''रामचन्द्र कह गए सिया से ऐसा कलियुग आएगा l
योग्यजन तो दुखी रहेंगे, मूर्ख मौज उड़ाएगा !!
अभिमानी, आडम्बर, पाखंड वाला संत यहां कहलाएगा !!
डींग हाकने वाला भाई यहां पंडित कहलवाएगा
भक्ष्य-अभक्ष्य को जो जाने नहि वो जन पूजा जाएगा
उल्टी-सीधी बात कहे वही 'बाबा' कहलायेगा'  !!! "
संतों के कारनामे देख सुनकर पांवों तले की जमीन खिसक जाती है।
कुछ ही दिन पहले यह खुलासा हुआ था कि राजस्थान में नैतिक शिक्षा की किताब में शिष्यों के यौन शोषण के आरोपी आसाराम को महान संत बताया गया है और अन्य महापुरुषों के साथ उसका चित्र भी प्रकाशित किया गया !!!
क्या ऐसी पुस्तके बच्चों को नैतिक शिक्षा दे सकेगी ???
अब त्रिवेणी के पावन संगम में संत समाज ने जिस शख्स को संत परम्परा के सर्वोच्च स्थान महामंडलेश्वर की पदवी दी वह सचिन दत्ता, डिस्को, बीयर बार और रियल एस्टेट के धंधे को सम्भालता रहा है। उनकी रियल एस्टेट कम्पनी के कई प्रोजैक्ट चल रहे हैं। सचिन दत्ता पिछले 20-22 वर्षों से अग्रि अखाड़ा से जुड़ा हुआ था। 13 अगस्त, 2014 को नोएडा में हुए हमले के दौरान एक गोली सचिन दत्ता को भी लगी थी। जब मामला मीडिया में उछला तो संत समाज से जुड़े लोग यही तर्क देते रहे कि 'सुबह का भूला शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते।' सचिन दत्ता को महामंडलेश्वर बनाने वाले न जाने कितने उदाहरण देते रहे और शब्द जाल गढ़ते रहे।
 'राधे मां' की कहानियां भी चर्चित हो रही हैं, जो खुद को देवी मां का अवतार बताती है !!! इस देश में एक साधारण महिला का 'राधे मां' बनना आश्चर्यजनक नहीं है और न ही सचिन दत्ता का संत बनना कोई आश्चर्यजनक है !!!
सवाल यह उठता है कि एक व्यापारी का संत बनना क्या वास्तव में हृदय परिवर्तन है या आडम्बर !!! यह मुझे महर्षि वाल्मीकि या अंगुलीमाल जैसा मामला तो लगता नहीं। हो सकता है कि सचिन दत्ता का संत बनना व्यापार से भी कहीं अधिक 'बड़ा व्यापार' हो ???
इंसानों को देवता या ईश्वर मानने की परम्परा बहुत पुरानी है ! शायद इस धारणा के तहत ही अवतारवाद के सिद्धांत ने जन्म लिया था, यानी ईश्वर स्वयं मानव रूप धरकर पृथ्वी पर आता है। प्राचीन मानव जिससे डरता था या जिससे लाभान्वित होता था, उसे ही अपना देवता या गुरु मान लेता था। आज के दौर में मनुष्य भौतिकवाद के कारणों से अत्यंत दु:खी और हताश है, किसी का व्यापार चौपट है, कोई बीमारी से परेशान है, कोई कर्ज के बोझ से दबा हुआ है। मनुष्य धर्म में आस्था रखकर किसी की चौखट पर जाता है तो उसे लगता है कि उसे कुछ लाभ होगा, वहीं अपना शीश झुका देता है !!
लोगों की श्रद्धा और आस्था के साथ जिस तरह ढोंगी बाबा खिलवाड़ कर रहे हैं, उसके पीछे भी यही मनोविज्ञान काम कर रहा है। लोग समझ ही नहीं पा रहे कि उनका गुरु गुरु नहीं बल्कि उनके परिवार की इज्जत पर हमला करने वाला राक्षस रूपी मानव है  !! ढोंगी बाबाओं के सैक्स रैकेट तो सामने आते ही रहे हैं !! कोई इच्छाधारी बनकर 'अपनी इच्छाओं' की पूर्ति करता है तो कोई किसी अभिनेत्री के साथ पकड़ा जाता है !! अंध भक्ति में लोग फिर भी इनके पीछे लगे रहते हैं।
अब अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने संत समाज को आपराधिक तत्वों से मुक्ति दिलाने के लिए सचिन दत्ता और राधे मां के नासिक कुम्भ में भाग लेने पर पाबंदी लगा दी है। अखाड़ा परिषद ने कहा है कि जब तक दोनों आपराधिक मामलों में निर्दोष साबित नहीं होते तब तक उन्हें संत नहीं माना जाएगा !! एक संत को महंगी गाडिय़ों, लाखों के आभूषणों, भव्य महलों की क्या जरूरत है !! कई बाबाओं के विदेशों में भी भव्य आश्रम हैं ! संत समाज को भी चाहिए कि वह अपने भीतर आपराधिक तत्वों की पहचान करे।
हमने देवरहा बाबा को अपने भक्तों को लात मार कर आशीर्वाद देते देखा लेकिन वह मचान पर रहते थे, किसी आलीशान भवन में नहीं। बाबा बनकर बेशुमार दौलत जोडऩा, जनता से छल करना, स्वयं को आलौकिक शक्तियों से लैस बताकर खुद महान बनने का उपक्रम करना अपराध ही है !!
जनता सच को पहचाने और अपने कर्म पर विश्वास करे। तथाकथित महामंडलेश्वरों की महिमा से लोगो को हमेशा सतर्क रहने की जरुरत है l

Sunday 12 July 2015

जातिगत जनगणना का ‪‎रहस्य‬

जातिगत जनगणना का ‪#‎रहस्य‬ !!!
वाकई गजब का विविधता वाला देश है ‪#‎भारत‬ वर्ष जिसमे कि 46 लाख जातियां, उपजातियां, गोत्र केवल सनातन में ही हैं। जातिगत जनगणना में इस तथ्य के बाहर आने के बाद जो रहस्य उजागर हुआ है वह भारत की उस केन्द्रीय शक्ति को प्रतिबिम्बित करता है जिसे ‪#‎सनातन‬ कहते हैं।

 पूरी दुनिया में कोई ऐसा दूसरा समुदाय नहीं है जो इस कदर विभाजित होने के बाद एक सूत्र में बन्धा हुआ हो। निश्चित रूप से इन बिखरे हुए और विभाजित लोगों को यदि कोई चीज एक धागे में पिरोये हुए है तो वह सनातन संस्कृति ही है और यही वजह है कि लोकतन्त्र का मूल सिद्धान्त 'मत और विचार विभिन्नता' इस देश की शिराओं में रक्त की तरह दौड़ता है। केन्द्र सरकार ने अभी ये जातिगत आंकड़े जारी नहीं किये हैं क्योंकि राज्य सरकारों को जनगणना में प्राप्त जातिगत समूहों को समुच्चबद्ध करना है और उन्हें वापस केन्द्र के पास भेजना है लेकिन यह सवाल उठ सकता है कि 21वीं सदी के भारत को इस प्रकार की जनगणना की क्या जरूरत थी ???

याद है कि 2011 में केन्द्र की मनमोहन सरकार के रहते कुछ क्षेत्रीय दलों खासकर बीजेपी, समाजवादी पार्टी, जनता दल (यू), राष्ट्रीय जनता दल आदि ने लोकसभा में तूफान खड़ा कर दिया था और सरकार से कहा था कि भारत में 1936 के बाद से जातिगत गणना नहीं हुई है जबकि 1990 में मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू होने के बाद से जातिगत पहचान जरूरी हो गई है क्योंकि पिछड़े वर्ग की पहचान जातियों के आधार पर ही होती है। 

इस मुद्दे पर इन दलों के सांसदों ने लोकसभा की कार्यवाही में कई बार व्यवधान भी पैदा किया था। गौर से देखा जाये तो जाति मूलक राजनीति के लिए यह जनगणना इन दलों के नेताओं ने जरूरी खुराक समझी थी मगर 46 लाख जातियों व उपजातियों और गोत्रों में इन्हीं दलों के नेताओं के दिमाग को घुमाने की क्षमता है !!! 
इसका मैं एक उदाहरण देता हूं। जब तथाकथित बिहारी वाजपेयी 1999 में 13 दिन और 13 महीने के बाद तीसरी बार प्रधानमन्त्री बने तो उन्हें ब्राह्मण समाज की तरफ से समारोह की अध्यक्षता करने का निमन्त्रण मिला। वाजपेयी ने उसे अस्वीकार कर दिया। 
संसद में ऐसे ही किसी मुद्दे पर चल रही बहस में भाग लेते हुए वाजपेयी ने इस घटना का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कल को मुझे 'कान्यकुब्ज ब्राह्मण' समाज निमन्त्रित करता है तो मैं क्या करूंगा ??? वाजपेयी मूल रूप से कान्यकुब्ज ब्राह्मण ही हैं। इन कान्यकुब्ज ब्राह्मणों के बारे में एक कहावत प्रसिद्ध है कि 'नौ कन्नौजी-दस चूल्हे।' 
इसी प्रकार एक बार वर्तमान राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को भी केन्द्र में वित्तमन्त्री रहते 'कान्यकुब्ज सभा' की ओर से निमन्त्रण पत्र मिला। आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि मुखर्जी भी मूल रूप से कान्यकुब्ज ब्राह्मण हैं। प. बंगाल के जितने भी पांच 'अर्जी' या उपाध्याय अर्थात मुखर्जी, चटर्जी, बनर्जी आदि ब्राह्मण हैं वे सभी कान्यकुब्ज हैं जो सदियों पहले कानपुर के आसपास के इलाके से उस समय बंगाल गये थे जब इस राज्य में मुस्लिम राज के चलते सनातनो के पूजा-पाठ आदि कार्यों के लिए ब्राह्मïण बचे ही नहीं थे। इनमें भी 'बिसवे' का अलग टंटा होता है। मुखर्जी ने भी ससम्मान निमन्त्रण को लौटा दिया। 
अब इस जाति जनगणना के रहस्य की घोषणा करने वाले वित्तमन्त्री अरुण जेटली को लीजिये। वह 'सारस्वत' ब्राह्मण हैं। सारस्वत पंजाब के विद्वजनों के सिरमौर माने जाते हैं और आर्यों के कुल पुरोहित होने का विशिष्ट दर्जा भी इनके पास है और महाराष्ट्र व गोवा इलाके में भी सारस्वत ब्राह्मïण हैं किन्तु इनके गोत्र अलग होते हैं। 
अब यादवों को लीजिये। बिहार औऱ उत्तर प्रदेश के यादव कई गोत्रों में बंटे हुए हैं मगर गुजरात के अहीरों से इनका मेल नहीं बैठता और दक्षिण भारत के यादव, जो 'नन्द गोपाल' कहलाये जाते हैं, स्वयं को सर्वश्रेष्ठ मानते हैं। 
इसी प्रकार क्षत्रियों में चन्द्रवंशी से लेकर सूर्यवंशी राजपूत और ठाकुरों के बीच सैकड़ों की संख्या में गोत्रादि विभिन्नताएं हैं। उत्तर और दक्षिण के इलाकों में इनकी अलग-अलग पहचान है मगर सबसे ज्यादा मजेदार मामला पंजाब के खत्रियों का है। इनमें सिख भी होते हैं और हिन्दू भी। 
पंजाबी भी होते हैं और यूपी वाले भी और दक्षिण भारत में ये 'एसएसके' अर्थात 'सूर्यवंशी सहस्त्रबाहु क्षत्रिय' कहलाये जाते हैं मगर इनके उपनाम पुजारी, राव आदि होते हैं। ये स्वयं को ब्राह्मण तुल्य समझते हैं और पंजाब से लेकर अन्य सभी प्रदेशों में सारस्वत ब्राह्मणों के साथ रोटी-बेटी का लेन-देन करते हैं। 
उत्तर-पूर्वी भारत तक में सारस्वत ब्राह्मण फैले हुए हैं जिनमें प्रमुख 'गोस्वामी' हैं। इसी प्रकार वैश्यों में जैन मतावलम्बियों से लेकर हिन्दुओं के बीच गोत्रों का जाल फैला हुआ है। 
दलितों में भी भेद पर भेद हैं जिसका उदाहरण बिहार है जहां दलित और महादलित का वर्गीकरण किया गया है। दक्षिण भारत विशेषकर तमिलनाडु की संस्कृति के जातिगत तार हमें सीधे रामायण काल से जोड़ते हैं और आचार्य चतुर सेन शास्त्री की पुस्तक 'वयं रक्षाम:' का तार्किकपूर्ण तरीके से अध्ययन करने को उकसाती है मगर हमें ध्यान रखना पड़ेगा कि लंकापति रावण ब्राह्मण था और 'पौलत्स्य' ऋषि का पौत्र था और 'सप्त द्वीप पति' अर्थात सात द्वीपों का अधिपति था। 
अत: भारत की जातिगत गणना से वोट बैंक को पक्का करने की राजनीति अंग्रेजों की 1936 में की गई जनगणना के आधार पर तो इस वजह से हो गई क्योंकि उसका लक्ष्य भारत को पूरी आजादी देने से पहले इसे जातियों के कबीले बना कर खंड-खंड करके बांटते हुए भारत की एकात्म शक्ति को भीतर से तोडऩा था। 
यह काम मोटे तौर पर उन्होंने भारत को धर्म के नाम पर तोड़कर कर भी किया मगर विश्वनाथ प्रताप सिंह ने आजाद भारत में अंग्रेजों के सपने को पूरा करने के बीज को पूरी तरह ख़त्म करने का बिज बोया l 
देखिये इस मुल्क की किस्मत कि राम मनोहर लोहिया जीवन पर्यन्त संघर्ष करते रहा और कहता रहा कि भारत में विकास और सामाजिक न्याय का रास्ता केवल और केवल 'जाति तोड़ो' के द्वार से ही होकर जायेगा मगर क्या कयामत है कि उन्हीं के तथाकथित चेले आज 'जाति बोलो' की अलख जगाने में सबसे आगे चल रहे और चलना चाहते हैं और अपनी अपनी जातियों को गर्व से‪#‎ओबीसी‬ बनाने पर तुले हुए है !!!

Sunday 28 June 2015

सूर्य मन्त्र गायत्री मन्त्र

भगवान सूर्य का मन्त्र ही गायत्री मन्त्र है ।
सूर्य मन्त्र जो 24 अक्षर का होने के कारण जिसे गायत्री छंद कहते  दुनिया का सर्वश्रेष्ठ मंत्र है और  जिसको सर्वश्रेष्ठ क्षत्रिय ब्रह्मऋषि विश्वामित्र 
ने स्वयं रचकर सिद्ध किया था । इसका गायत्री माता या गायत्री की स्तुति से कोई लेना देना नही है !!
इस सूर्य मंत्र गायत्री मंत्र का शुद्ध अर्थ यह है--
1.ॐ =अउम् अर्थात प्रणव ,मूल सत्ता (अंकुरण,उत्थान और मरण(संहार) की सत्ता) ब्रह्म । यह बीज मन्त्र है जिस भी मन्त्र के आगे लगता है उसकी शक्ति को बढाता है ।
2.भू:=भू लोक जिसमे मनुष्य सहित अधिकांश जीव रहते है ।
3.भुवः=भुवर्लोक ,भूमि से करीब 1 गज ऊपर से लेकर अंतरिक्ष की 14 वीं परत तक परिक्षेत्र जिसमे ऋषि मुनि, संत, सति, शूरमा, भोमिया आदि श्रेष्ट लोग तप करते रहते हैं । भूत और प्रेतात्मा भी इसी में रहते हैं ।
4.स्व:=स्वर्गलोक
5.तत्=उस
6.सवितु:=मूल स्रोत्र(सूर्य)
7.वरेण्यं=वरण करता हूँ
8.भर्गो= श्रेष्ट
9.देवस्य=देवताओं में
10.धीमहि= ध्यान करता हूँ
11.धी =बुद्धि
12.यो=जो
13.न:=हमारी
14.प्रचोदयात्=सन्मार्ग पर प्रेरित करें ।

अर्थात साधक ॐ भूलोक, भुवर्लोक और स्वर्ग में रहने वाले श्रेष्ट प्राणीयों का वरण करता है अपनी साधना में सहयोग के लिए तथा प्रार्थना करता है कि उस देवताओं में श्रेष्ट सूर्यदेव (यह दिखाई देने वाले सूर्य नही बल्कि जो 49 वीं परत पर है जिनके प्रकाश से ये सूर्य भगवान भी ऊर्जावान है ।) का ध्यान करता हूँ जो हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की और प्रेरित करें ।








Sunday 31 May 2015

जाति प्रमाण पत्र

-मेरा जाति प्रमाण पत्र -
मुझे गर्व है की मैं आरक्षित वर्ग से नहीं आता हूँ । मुझे अत्यंत गर्व है की मैं एक सामान्य वर्ग से आता हूँ क्योंकि -
1. आज मैं जो कुछ भी हूँ अपनी योग्यता, बुद्धि कौशल के बलबूते हूँ न कि जाति प्रमाण पत्र के आधार पर ।
2. बचपन से लेकर युवावस्था तक मैंने स्वाभिमान से सर उठा कर दुनियाँ की हर परिस्थिति से अनुभव प्राप्त किया है । इसमें जाति प्रमाण पत्र का कोई योगदान नहीं रहा ।
3. मुझे गर्व है कि मेरी शिक्षा दीक्षा में मेरे अपने माता पिता के स्वाभिमान से कमाए हुए पैसों का योगदान है न कि किसी भीख का।
4. मुझे गर्व है कि आज मैंने स्कूल एवं कॉलेजों में जो भी एडमिशन लिये सभी मैंने अच्छे नंबरों और अपनी बौद्धिक कुशलता के बल पे लिया है । इसमें भी जाति प्रमाण पत्र का कोई योगदान नहीं ।
5. मुझे गर्व है कि मैंने अपनी शिक्षा में लगने वाली फीस को एक स्वाभिमानी व्यक्ति की तरह पूरा पूरा वहन किया है और किसी भी गरीब का हक़ नहीं मारा है । इसमें भी जाति प्रमाण पत्र का कोई योगदान नहीं है ।
6. आज मेरे अंदर जो भी निखार आया है सब का श्रेय मेरी कड़ी मेहनत , रात रात भर जाग कर पढ़ना , और अन्यान्य किताबों का गहन अध्ययन करना है । वर्ना मैं भी एक अशिक्षित मुर्ख ही होता जो सिर्फ उतना ही पढता जितना कि जाति प्रमाण पत्र दिखाने मात्र से पास हो जाता ।
7. एक अंदर डर बना रहता था कि मैं जितना भी पढूं कम है क्योंकि मेरे पास जाति प्रमाण पत्र नहीं है । परंतु आज मैं उसी डर के द्वारा किये गए गहन अध्ययन से अपनी बौद्धिक क्षमता को उन लोगों से कई गुना ऊपर पाता हूँ जिनके पास सिर्फ और सिर्फ जाति प्रमाण पत्र के अलावा उनका अपना कुछ नहीं ।
8. मुझे गर्व है कि मैंने हर प्रतियोगिता में पूरी पूरी फीस का वहन किया है और उसमें प्रवेश भी अपने शिक्षा और बौद्धिक कुशलता के बल पर पाया है जिसमें मुझे किसी भी जाति प्रमाण पत्र का सहारा नहीं लेना पड़ा । क्योंकि मैं अपनी योग्यता से भलीभाँति परिचित था ।
9. मुझे गर्व है कि जाति प्रमाण पत्र के नाम पर मिलने वाले फीस में छूट और वजीफ़े से मैं किसी भी गलत संगति में नहीं पड़ा और उस फीस छूट और वजीफे की धनराशि का उपयोग मद्यपान (शराब पीना ) , तरह तरह के नशे करना , मांस भक्षण करना , जुआ खेलना , वेश्यावृति करना , लड़की छेड़ना , आपराधिक मामलों में सलिंप्त होना , पढ़ाई से कोसों दूर रहना , इत्यादि गतिविधियों में नहीं पड़ा ।
इसका एकमात्र श्रेय मेरे पास जाति प्रमाण पत्र का न होना है ।
10. मुझे गर्व है कि मेरी नौकरी व कारोबार में मेरा चयन मेरे जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नहीं , बल्कि मेरी योग्यता , मेरे अंक पत्र और बोद्धिक कौशलता के आधार पर हुआ है ।
11. मुझे गर्व है कि आज मैं एक सभ्य और बौद्धिक स्तर से परिपूर्ण समाज का एक अंग हूँ । इसमें भी मेरे जाति प्रमाण पत्र का अंशमात्र भी योगदान नहीं है ।
12. मुझे गर्व है की आज मैं एक स्वाभिमानी जीवन व्यतीत कर रहा हूँ और छाती ठोंक कर पुरे आत्म विश्वास के साथ दुनियाँ का सामना कर सकता हूँ की हाँ ! आज मैं जो कुछ भी हूँ मैं अपने योग्यता के बल पर हूँ किसी जाति प्रमाण पत्र के भीख से नहीं ।
13. मुझे गर्व है कि इस समाज में मैंने अपनी पहचान खुद के योग्यता के बल पे बनाया है न कि जाति प्रमाण पत्र द्वारा प्रदत्त भीख के बल पर ।
14. मुझे गर्व है की मैं, वोटों की राजनीति करने वाले और जाति के नाम पर देश और समाज का विखंडन करने वाले सत्ता लोलुप किसी भी राजनेता के भीख और कृपा के बल पर अपना जीवनोपार्जन नहीं कर रहा हूँ । मेरे ऊपर किसी भी लालची और सत्ता लोलुप राजनेताओं और उनकी राजनीतिक पार्टियों का कोई कर्ज या कृपा नहीं है । क्योंकि मेरे पास जाति प्रमाण पत्र है ही नहीं ।
15. मुझे गर्व है की अब तक की सभी सरकारें जाति उत्थान के नाम पर जो 68 वर्षों से लाखो करोङ रूपये से अपने जेब भरती आ रही है और देश को अकूत संपत्ति का चूना लगा रही है , वह खर्च मुझपर नहीं है । और उसका उपयोग देश की उन्नति में व्यय हो रहा है । आज जो भी इंफ्रास्ट्रक्चर

भारत देश में दिखाई पड़ता है उसमें मेरा 50% प्रतिशत से ऊपर का बहुमूल्य योगदान है । परंतु इसमें भी जाति प्रमाण का कोई योगदान नहीं है ।
16. मुझे गर्व है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी - मुलायम , मायावती , मोदी , सोनिया , लालू , जीतनराम आदि मुझे लेकर कोई भी वोटों की राजनीति नहीं कर सकते और जनता को बाँट कर अपना जेब नहीं भर सकते । क्योंकि मेरे पास जाति प्रमाण पत्र नहीं है ।
17. मुझे गर्व है कि मुझपे लगने वाला सारा पैसा देश के चहुँ मुखी विकास और अभाव ग्रस्त लोगों पे व्यय होता है । परंतु दुःख होता है की मेरे ही खून पसीने से कमाए हुए पैसे से जाति प्रमाण पत्र रखने वाले लोग ऐश करते हैं और न पढ़ लिखकर अयोग्य बन रहे हैं और आपराधिक गतिविधियों में फंसकर देश को गर्त में गिरा रहे हैं ।
18. मुझे गर्व है कि मुझे कोई कोटे वाला नहीं कहता , न कोई मेरी योग्यता पे शंका करता है और न ही हीनदृष्टि से देखता है । मैं सर उठा कर जीता हूँ । इसका भी एकमात्र कारण मेरे पास जाति प्रमाण पत्र का न होना है ।
19. मुझे गर्व है की जाति के नाम पर मुझे कोई भी राजनीतिक दल महामूर्ख और बेवकूफ नहीं बना सकता । क्योंकि मेरे पास जाति प्रमाण पत्र नहीं है ।
20. मुझे गर्व है कि मैं अपने देश का एक पूर्ण स्वाभिमानी एवं सच्चा भारतीय नागरिक हूँ । इसमें भी जाति प्रमाण पत्र का लेशमात्र भी योगदान नहीं है ।

मुझे गर्व हे कि मै एक क्षत्रिय हूँ व मेरे पूर्वजो द्वारा ही धर्म, इतिहास और संस्कृति की रक्षा की गई है । इसमें उनके और मेरे कोई जाति प्रमाण पत्र काम में नहीं आया ।
लेकिन आज में संकल्प लेता हु की जिन 36 कौमो से इस आरक्षण के कारण दुर्भाव हुवा है उसे प्राणपण से मिटा कर रहूँगा ।।।
भंवर सिंह राठौड़ जूसरी आरक्षण और भर्स्टाचार के खिलाफ सदैव आगे ।।
आप सभी से विनती है की सभी अपना अपना नाम आगे से आगे लिखकर सभी को फॉरवर्ड करते जाए , श्र्ंखला जारी रखे ।
निवेदक - भंवर सिंह राठौड़ जूसरी
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Sunday 24 May 2015

FLIGHT MODE PM


निष्पक्ष होकर देखें तो एक साल में ही 'मोदीमेनिया' पूरा का पूरा ख़त्म सा हो गया है !!!  उनका कद थोड़ा घटा है और शायद 56 इंच का सीना भी अब कुछ कम फूलने लगा है !!!

'वन मैन शो'

एक साल में उनके खिलाफ़ सबसे बड़ी आलोचना ये है कि वो बोलते बहुत हैं लेकिन करते कम या कुछ नहीं हैं.
उनके कुछ आलोचक ये भी कहते हैं कि वो 'वन मैन शो' हैं. देश के सिपहसालार भी वही हैं, पार्टी के मुखिया भी वही. मंत्रियों के बजाए गिने-चुने अफसरों पर निर्भर रहते हैं. सुनते सब की हैं लेकिन फैसला उनका होता है.
आप ये भी कह सकते हैं कि आदर्श ग्राम योजना, 8 करोड़ ग्रामीण परिवारों को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में शामिल करने की प्रक्रिया, डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी योजनाएं यूपीए सरकार की योजनाओं की नक़ल लगती हैं. या कह लें कि ये नई बोतल में पुरानी शराब की जेसी ही है !!!

किसान विरोधी

सत्ता में आने के 100 दिन के अंदर काला धन देश वापस लाने का नरेंद्र मोदी का वादा भी पूरा नहीं हुआ है. महंगाई ज्यादा बढ़ी नहीं तो आज तक कम भी नहीं हुई है. ग़रीबी, ग़रीबों का साथ अब भी नहीं छोड़ रही.कुछ लोग ये भी कह रहे हैं कि मोदी किसानों से ज़्यादा कॉरपोरेट इंडिया और उद्योगपतियों के हित के बारे में ज्यादा सोचते हैं.
इसकी मिसाल भूमि अधिग्रहण बिल है जिसे किसान विरोधी तक माना जा रहा है !!!
और हाँ, पिछले एक साल में वो प्रवासी भारतीयों के सबसे बड़े मसीहा बन कर भी उभरे हैं. उनके खिलाफ आलोचना ये भी है कि वो देश के प्रांतों से अधिक विदेशी यात्राएं ही करते हैं !!!

Thursday 21 May 2015

पोपा बाई का राज

#पोपा_बाई_का_राज --  हर जगह शराब ठेकों के रात्रि 8 बजे के बाद के वितरण की मनाई की हर ठेकेदार द्वारा जमकर धज्जिया उड़ाई जाती है और दिखावे के बंद के पश्चात भी वहा से शराब की आपूर्ति के लिए अन्य रास्ते भी अपनाये जाते है जिनका पुलिस व अन्य प्रशासन की जानकारी में होते हुए भी शायद मासिक बंधी बंधे होने के कारण कार्येवाही नहीं की जाती है !!! 
यही हाल हेलमेट की अनिवार्यता के 21 दिन बीतने पर भी हेलमेट नहीं पहनने वाले किसी के खिलाफ भी कार्यवाही न होना और सरकार के जन सुरक्षा के कानून की पालना नहीं करवाना असमंजस व "पोपा बाई का राज" वाली बात ही हो सकती है  !!!!

Wednesday 20 May 2015

विश्व के महानतम योद्धा महाराणा प्रताप



विश्व के महानतम योद्धा महाराणा प्रताप जिसने अपनी कौम का ही नहीं हर उस स्वाभिमानी राष्ट्रभक्त का सर गर्व से ऊपर किया जिसे अपनी मातृभूमि और कर्मभूमि से अथाह प्रेम था l 

अकबर जासी आप, दिल्ली पासी दूसरा,
पुनरासी प्रताप , सुजस न जासी सूरमा। 



अकबर इस संसार से चला जाएगा, दिल्ली दूसरो को मिल जाएगी, परन्तु प्रताप तेरी वीरता का सुयश नहीं जाएगा, वह तो अमर रहेगा ।

रघुकुल भूषण राष्ट्रगौरव वीर शिरोमणि वीर अग्रणी मेवाड़धिपति एकलिंगजी दिवान श्री महाराणा प्रताप के जन्मदिवस की आप समस्त देश वासियों को हार्दिक  शुभकामनायें । 





महाराणा प्रताप भारतीय इतिहास के वह राष्ट्रनायक थे  जिन्होंने संघर्ष की राह में अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया था l परन्तु पराधीनता कभी स्वीकार नहीं की। महाराणा प्रताप के एक इशारे पर जान न्यौछावर करने के लिए हर समाज और हर वर्ग के लोग हमेशा तैयार रहते थे। यदि महाराणा प्रताप आज की तरह सामाजिक संकीर्णताओं में फंसे होते तो उन्हें वह अभूतपूर्व जनसमर्थन कभी नहीं मिला होता। 
महाराणा प्रताप अपनी मातृभूमि के मान, सम्मान और स्वाभिमान के साथ-साथ मातृभूमि की स्वाधीनता के लिए लड़े थे। 
ऐसे परम आदरणीय, प्रातःस्मरणीय महाराणा प्रताप की जयन्ती के अवसर पर उन्हें मेरा शत् शत् नमन ! 
सादर - भंवर सिंह जूसरी

Saturday 16 May 2015

स्वस्थ जीवन के लिए सर्वश्रेस्ठ विकल्प मोरिंगो न्यूट्रामैट्रिक्स



स्वस्थ जीवन के लिए सर्वश्रेस्ठ विकल्प मोरिंगो न्यूट्रामैट्रिक्स

मोरिंगो न्यूट्रामैट्रिक्स क्या है ???


मोरिंगो न्यूट्रामैट्रिक्स जरुरी पोषक तत्वो, प्रोटीन, विटामिन, खनिज व ट्रेस मिनरल्स युक्त एक सप्लीमेंट सुपर फ़ूड है l मोरिंगो न्यूट्रामैट्रिक्स में मोरिंगो ओलीफेरा, ऑरेगैनो वल्गर. रोजमेंरी, शिलाजीत, काली मिर्च, अनार के छिलके का शत, विटामिन सी और विटामिन बी 12 से युक्त हर्बल प्रोडक्ट है जिसमे 300 प्रकार के न्यूट्रीशियन है जो नई तकनिक द्वारा तैयार किया हुवा है l 

मोरिंगो न्यूट्रामैट्रिक्स क्यों जरुरी है ???

व्यस्त जीवन शैली, हमारे खाद्यान्न में यूरिया सहित जहरीले रसायन का मिश्रित होना, फलो एवं सब्जियों में गैस व दवा का छिडकाव, मिर्च मसालों में मिलावट, वातावरण में प्रदूषण के कारणों से हमारा शरीर रोग ग्रस्त हो रहा है तथा हम दैनिक जीवन में जो भी आहार लेते है, जिसमे हमारे शरीर को जरुरी पोषक तत्व, प्रोटीन, विटामिन, खनिज आदि पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाते है l

मोरिंगो न्यूट्रा हमारे शरीर के अन्दर जमा टोक्सिंस (Toxin) जहरीले पदार्थो को बाहर निकालता है तथा पोषक तत्व, प्रोटीन, विटामिन, जरुरी खनिज, मिनरल्स आदि जो भी कमी हमारे शरीर में होती है उसकी पूर्ति करता है जिससे हमे 300 प्रकार के रोगों से दूर रखता है और हम इसके कारण स्वस्थ व बेहतर जीवन जी पाते है l 



मोरिंगो न्यूट्रामैट्रिक्स का उपयोग कैसे करे ???

मोरिंगो सभी प्रकार के स्वस्थ एवं अस्वस्थ व्यक्ति उपयोग कर सकते है l 12 वर्ष से कम आयु, गर्भवती स्त्री, दूध पिलाती माँ को नहीं देवे l तथा जिसके हृदय में पेसमेकर लगा हो एवं जिसकी किडनी ट्रांसप्लांट की हुई हो को भी नहीं देना चाहिये l बाकी इसके किसी भी प्रकार के अवांछित दुसप्रभाव नहीं है l 

सेवन विधि - 4 से 6 कैप्सूल प्रतिदिन सुबह खाली पेट गरम पानी के साथ लेवे, एक घंटे बाद खाना खाए तथा दिन भर खूब पानी पीवे l बच्चो को 2 कैप्सूल प्रतिदिन ही देवे l 

और ज्यादा जानकारी के लिए यह वीडियो आप देख सकते है l

https://www.youtube.com/watch?v=DxCbyoYl1Og

https://www.youtube.com/watch?v=CaZka7z4hWI

https://www.youtube.com/watch?v=dKW7DEXWhHI

https://www.youtube.com/watch?v=NdFbXNhApoM

https://www.youtube.com/watch?v=s4wemFDGwvI

http://youtube.com/watch?v=THQhXtxYRAw

Thursday 7 May 2015

हिन्दू होने का मतलब कही यह तो नहीं !!

हिन्दू होने का मतलब कही यह तो नहीं !! एक कहानी जो आपको शायद हिन्दू होने का मतलब समझा सकती है !!!
 हास्य विनोद के साथ पढ़कर समझते जाए और इसकी सत्यता पर विचार जरुर करे !!
एक पण्डित जी दुबई में जॉब करते थे तथा चार साल से भारत नहीं जा सके थे l
एक दिन पण्डित ऑफिस में अपने सहकर्मियों को बाप बनने की ख़ुशी में मिठाई बांटने लगे l
एक सहकर्मी ने पूछा : "पण्डित आप चार साल से यहाँ और आपकी वाइफ मुंबई में, तो फिर आप बाप बने कैसे ???
पण्डित : "मेरे पडोसी बहोत ख्याल रखते हैं मेरी वाईफ का  " 
सहकर्मी : " क्या नाम सोचा है बच्चे का " 
पण्डित : " देखो वो बीवी से पूछकर सोचना पडेगा l
अगर सेकण्ड फ्लोर वाले पडोसी ने वाइफ की देखभाल की है तो बच्चे का नाम दुबे या द्विवेदी रखेंगे , लेकिन अगर तीसरे, चौथे या पांचवे फ्लोर वाले ने देखभाल की है तो उसी हिसाब से त्रिवेदी, चतुर्वेदी या पाण्डेय रखेंगे l "
सहकर्मी : " अगर सबने मिलकर ख्याल रखा है तो ??? "
पण्डित  : " तो मिश्रा रखेंगे "
सहकर्मी :" अगर भाभीजी ने शरमाकर नाम ना बताया तो ,???  "
पण्डित : " फिर तो जरुर शर्मा जी ने देखभाल की होगी , फिर तो बच्चे का नाम शर्मा होगा "
सहकर्मी : " अगर भाभी जी ने किसी का नाम नहीं बताया तो ???  "
पण्डित : " फिर तो गुप्ता होगा " 
सहकर्मी : " अगर भाभी जी को याद ना आया तो ??? " 
पण्डित : " फिर तो यादव का काम होगा , बच्चे का नाम यादव ही रख लेंगे "
सहकर्मी : "अगर किसी ने भाभी जी के साथ जबरदस्ती किया होगा तो ??? 
पण्डित : ऐसी नीच हरकतें सुशिल दोषी ही कर सकता है , बच्चे का नाम दोषी रखना पडेगा " " 
सहकर्मी : "अगर भाभी जी ने ही अपनी भूख मिटाने के लिए किसी मर्द को जोश दिलाया हो तो ??? " 
पण्डित : " तो बच्चे का नाम जोशी रख लेंगे " 
सहनशक्ति की पराकास्ठा पर अब सारे सहकर्मी एक साथ उठ खड़े हुए और जोरदार चिल्लाकर बोले
: "स्साले हरामी , कुत्ते की औलाद ... ,, भाभी को यहाँ बुला ,
ऑफिस के हम सब स्टाफ मिलकर देखभाल करेंगे और तू अपने और बच्चो का नाम देशपांडे रख लेना !!!!! "
 :D  :D  :D  :D  :D  :D 
इस तरह शायद यह सब हिन्दुओ पर लागू है क्यों की इस तरह वे एक वर्ण के तो बचे ही नहीं थे !!
इस कदर से हिल मिल हुए की क्षेळ भेळ युक्त पैदाइसे ही पैदा होती गई , और उन्होंने मिलकर अपने आपको हिन्दू कहलवाना शुरू कर दिया था !!!
और फिर झूटे गर्व के साथ यह भी कहने लग गए की हां हम हिन्दू , हां हम हिन्दू है ओर हिन्दू की ओलाद है !!!
इसलिए हे क्षत्रियों अपने आप पर गर्व करो और स्वय को हमेशा क्षत्रिय ही कहलवाओ l
सादर भंवर सिंह जूसरी

Thursday 23 April 2015

झामरवाडा का अमर शहीद किसान गजेन्द्र

किसान रैली में जिस तरह राजस्थान का दौसा निवासी 'किसान गजेन्द्र'  सरेआम शहीद हो गया, वो किसी भी संवेदनशील इंसान के लिए झकझोर देने वाली घटना है । ..... बड़े शर्म की बात है की उस किसान के फंदे पर झूलने के बाद भी मेरा सवाल इस देश के हर चोर, कपटी और मक्कार नेता से है जिन्होंने देश के अन्नदाता की हालत जानवरों से भी बदतर बना दी है l


 सबसे ज्यादा दर्दनाक बानगी तो यह है की सभी के सभी पापी दल वाले दलदल की तरह गन्दी और ओछी राजनीति करने लग गए है इस पर राजनीती नहीं होनी चाहिए तथा न ही सवाल खड़े होने चाहिए। गजेन्द्र ने सरेआम शहीद की तरह दम तोड़ा है ठीक उसी तरह कुछ माह पहले बेटी निर्भया ने भी ख़ून से लथपथ होकर सड़क किनारे हम सब से मदद की गुहार की थी !!! 
पर देखने वाली बात यह है कि कायरों की यह जमात अब मोमबत्तीयां लेकर सड़क पर निकल रही है !!!

राजस्थान का एक गरीब किसान गजेन्द्र सिंह सरकार की नाकामी से तंग आकर आत्महत्या कर लेता है और राजस्थान सरकार और जो सगठन अपने आपको किसान का मसीहा बताने वाले इस पर सब सभी प्रकार के संघठन चुप है !!
  आप सभी से निवेदन है की एक गरीब किसान को उसका हक दिलवाने के लिए यह जरुर मांग करे और इन सब को समझा दो की जो सरकार हमारी नहीं सुनती है तो हमें सुनना आता है !!! 

शहीद गजेन्द्र सिंह के परिवार के लिए ये मांगे रखी गई है
01. शहीद का दर्जा मिले
02.परिवार में किसी एक को सरकारी नोकरी |
03.उचित मुआवजा मिले |
04.सभी किसानो के हित में जो सरकारी योजनाये है उन का नाम शहीद गजेन्द्र सिंह के नाम से हो 



धन्यवाद राजस्थान पत्रिका का जिसने इस मुद्दे पर बहुत ही अच्छा कटाक्ष किया जरुर पढे पत्रिका में छपा यह लेख---


शर्मनाक संवेदनहीनता की हद भी पार कर दी सबने मिलकर !!
राजस्थान के किसान गजेंद्र की दिल्ली में जंतर मंतर पर मौत के लिए वो तमाम लोग जिम्मेदार हैं जो तमाशबीन बने रहे। राजस्थान के किसान गजेंद्र की दिल्ली में जंतर मंतर पर मौत के लिए सिर्फ प्रधानमंत्री Narendra Modi, राजस्थान की मुख्यमंत्री Vasundhara Raje और दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal ही नहीं बल्क‍ि हमारे जैसे पत्रकार भी जिम्मेदार हैं। जो बचाने के बजाय फोटो और वीड‍ियो बनाने में मशगूल थे। नेताओं से मुझे कोई उम्मीद नहीं है लेकिन हे मेरे पत्रकार साथ‍ियों यार कुछ तो आप भी शर्म किया करो।


 

Saturday 18 April 2015

पासपोर्ट पैन कार्ड बनवाने के लिए जरुरी कागजात

पासपोर्ट पैन कार्ड बनवाने के लिए जरुरी कागजात  निम्न प्रकार है l

ब्लॉग के माध्यम से आम जन हितार्थ जरुरी जानकारी --- विदेश जाने के लिए पासपोर्ट बनवाइए और विदेश में भी अपनी नोकरी या कारोबार फैलाकर और ज्यादा कमाईए !! पासपोर्ट बनवाने के लिए जरूरी कागजात
1. राशन कार्ड              2. वोटर कार्ड
3. शिक्षा सम्बंधित यथा 10वी कक्षा मार्कशीट या जो भी पढाई की है उसकी टी.सी. प्रमाण पत्र।
4. जन्म प्रमाण पत्र (यदि जन्म 1988 से 2013)के मध्य का है।
5. इन सबके अलावा लाइसेन्स, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, पैन कार्ड आदि मान्य है।

पैन कार्ड बनवाइए, लोन लेने व पहचान में आसानी पाईए !! पैन कार्ड बनवाने के लिए जरूरी कागजात
1. दो फोटो               2. वोटर कार्ड या लाईसेन्स या राशन कार्ड
3. शिक्षा सम्बंधित यथा 10वी कक्षा मार्कशीट या जन्म प्रमाण पत्र

ज्यादा जानकारीके लिए अग्रलिखित पते पर संपर्क करे l
स्मार्ट वर्ल्ड कंप्यूटर, सैनी काम्पलैक्स, रेल्वे स्टेशन के पास,
मकराना मोबाईल- 9251615727

अन्य स्मार्ट सेवाएं व कोर्सेज: - टैली, ओ लेवल, RS-CIT, मिडिया सर्विसेज, आॅन लाईन फार्म, इन्टरनेट, ई-मेल, स्कैन, हवाई टिकिट, डिस रिचार्ज, जन्म कुण्डली, खतौनी नकल,WESTERN UNION (MONEY TRANSFER), ब्राडबैण्ड़ कनेक्शन, रोजगार सुचना आदि।


देखे मौका चुक न जाए RSCIT सर्टिफिकेट के साथ स्कॉलरशिप पाने का मौका चुक न जाये l  बोर्ड परीक्षा विधार्थि आज ही प्रवेश लेकर अपना स्थान सुरक्षित करे l 

Saturday 11 April 2015

घोर जातिवादी प्रथा नक्सलवाद


घोर जातिवादी मूलनिवासी उर्फ़ नक्सली नस्ल की करतूते !!! :-

ये मूलनिवासी (नक्सली) घोर जातिवादी बनकर आज हमारे देश के लिए पाकिस्तान से बड़ा खतरा बने बेठे है, ये गद्दार हमारे ही देश के जवानों को मारते रहते हैं, आरक्षण और राजनीती के बावजूद सवर्ण – सवर्ण करते नग्न नृत्य करते हैं ! 
इन हरामखोरो को" कितना भी घी पिला दो,  रहने वाले तो नाली के कीड़े ही है इनसे अच्छे तो कुत्ते होते है जो अपने मालिक की सही पहचान रखते है, इन जाहिलों के पास लाखो करोड़ों के हथियार हमारे जवानों को मारने के लिए हैं, पर वही पैसा अपने विकास के लिए, बच्चों को पढ़ाने और नया रोजगार शुरू करने के लिए ये नहीं इस्तेमाल कर सकते !!  
उसके लिए सरकार जिम्मेदार है !!  
ये लुटेरे अब नासूर बन चुके हैं देश के लिए !! 
इन्तेहा हो गई अब तो इन्होने आम लोगों को भी मारना काटना चालू कर दिया है, बस - ट्रेन लूटना, आतंकी हमले करना ! हम और हमारा देश पाकिस्तान या चीन से बाद में निपट लेंगे पहले इनका सफाया करके देश को सुरक्षित करने पर हमे ज्यादा ध्यान देना होगा, क्योंकि इनकी आरती उतारने से, कायदे की बात करने से, इनकी हर बात मानने से ये औकात से बाहर हो गए हैं !!
इन कमीनों ने पाकिस्तान या बांग्लादेश या किसी भी दुश्मन मुल्क से ज्यादा ही हमारे देश का नुक्सान किया है, इतने जवान तो बॉर्डर पर भी शहीद नहीं होते जितने हमारे देश के अन्दर ही ये कमीने हमारे जवानों को ढेर कर देते हैं !!!
आज लोग इन्ही जातिवादी नक्सलियों को भुला भटका भी कहने से नहीं चुकते हैं, जबकि नक्सली हमेशा हर हमला जात देखकर ही करते हैं, कभी भी अपनी जात वालो को नहीं मारते है !!
और ये भी भूल जाते हैं ये गद्दार की जितने सिपाही ये देश में मारते हैं उतने तो कभी बॉर्डर पर भी शहीद नहीं होते है !!

अलकायदा या तालिबान की तरह ये हमारे देश में ही पनप रहे विसेले नाग है, हमे पहले इनसे निपटना ही होगा, वरना ये जिस हक़ हकूक की बात करते हैं, जरा ये या फिर इनका कोई भी चमचा या हितैषी धूर्त नेता यह बताये की आम जनता के लिए बनी बस/ट्रेन में इनका क्या हक़ हकूक है ???  जो ये वहां जाकर लूट-पाट, उत्पात और तबाही मचाते हैं ???  
क्या वहां मौजूद औरतों - बच्चों ने इनका हक़ छीन लिया है ???
देश दुनिया के सब आगे बढ़ रहे पर यह लोग लगे हुए हैं अपनी तिजोरी को भरने में सरकारी संपत्ति को लूट लूटकर !!
ये गरीब भी नहीं कहे जा सकते है, क्यों कि इनके पास हमारे सिपाहियों से ज्यादा आधुनिक हथियार और अन्य विष्फोटक उपकरण हैं !! यदि ये कंगाल होते तो ये कहा से लाते ?? 
ये अगर चाहे तो अपनी बन्दुक व AK47 रायफल बेचकर हर  नक्सली अपनी दूकान खोल सकता है !! पर नहीं इनको मुफ्त की चीज खाने की आदत जो पड़ गयी है !! सरकार ने इनको आरक्षण भी दिया हुवा है,  हर चीज में छूट दिया है, पर ये लोग अपनी ओछी हरकतो से बाज नहीं आते है !! न ही इनके हक़ में बात करने वाले चूजे या इनके सरपरस्त नेता बाज आते है !!
मैंने यह पोस्ट सिर्फ इसलिए लिखा की कुछ करो तो मेहनत और लगन से करो...अपने ही देश में अपने ही लोगों की जान लेकर कौन सा संघर्ष कर रहे गद्दारों??
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छत्तीसगढ़ में नक्सली हमला, सात जवान शहीद"
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में सात जवान शहीद हो गए हैं । हमले में 10 जवान जख्मी भी हो गए हैं। नक्सलियों ने घात लगाकर एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) के जवानों पर हमला किया। इस साल का सुरक्षाकर्मियों पर यह सबसे बड़ा नक्सल हमला है।
मुठभेड़ सुकमा के पिडमेल इलाके में हुई। नक्सलियों ने शनिवार को सुबह 10 बजे घात लगाकर जवानों पर हमला किया। एसटीएफ के जवान तलाशी के लिए निकले थे। नक्सलियों ने फायरिंग कर उन्हें निशाना बनाया।
शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, एसटीएफ के जवान सुकमा के दोरनपाल इलाके में तलाशी अभियान के लिए निकले हुए थे। इस इलाके में नक्सलियों का बहुत दबदबा है। इसकी सीमा आंध्र प्रदेश से लगी हुई है। तलाशी अभियान के दौरान ही 100 के लगभग नक्सलियों ने उन पर हमला बोल दिया। नक्ललियों ने जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी और जवानों ने भी जवाबी फायरिंग की। यह मुठभेड़ लगभग दो घंटे तक चली।
शहीद जवानों में प्लाटून कमांडर शंकर राव, हेड कॉन्स्टेबल रोहित सोरी और कॉन्स्टेबल मनोज बघेल, मोहन उइके और किरण देशमुख शामिल हैं। एडीजी( नक्सल ऑपरेशन) आरके विज ने कहा, 'सात लोग मारे गए हैं। हमने एक बहादुर प्लाटून कमांडर को भी को दिया है। पूरी डिटेल अभी नहीं आई है।
इससे पहले पिछले साल दिसंबर में भी जवानों पर नक्सलियों का हमला हो चुका है। नक्सलियों ने सीआरपीएफ पर अंधाधुंध गोलियां बरसाई थीं। इसमें सीआरपीएफ के दो अधिकारियों समेत 13 जवानों की मौत हो गई थी और करीब एक दर्जन सुरक्षाकर्मी घायल हुए थे। पुलिस सूत्रों का कहना है कि हताहतों की संख्या और बढ़ सकती है। घायल जवानों को इलाज के लिए जगदलपुर भेजा गया है। इसके अलावा अप्रैल, 2010 में नक्सलियों के हमले में 74 जवान मारे गए थे।